*आप हुसैनी है या शीया* ?
एक सुन्नी ही हुसैनी हो सकता है, कोई भी शीया हरगीज़ हुसैनी नहीं हो सकता!!!
हसनैन रदी. के नाम पर आप अपने आपको शीयत की हीमायत करने से बचाईये!!!
कहीं आप अनजाने में शीयत की ताईद तो नहीं कर रहे ❓
आप ईन दोनो के बीच का फ़र्क़ कैसे जानेंगे ❓
*आइए आपको सीधे करबला के मैदान में ले चलते हैं*
हज़रते हुसैन रदी. खुद यहाँ मौजूद हैं,
हज़रते हुसैन रदी. ६० साल के हैं ३० साल के जवान नहीं,
हज़रते हुसैन रदी. अपने वतन से बहोत दूर सफ़र में हैं,
हज़रते हुसैन रदी. के सीर पर वालीद साहब हज़रत अली रदी. और बड़े भाई हज़रत हसन रदी. का साया भी नहीं है अकेले हैं,
ईतने सारे नागवार हालात होने के बावजूद यजी़द को हक पर नहीं पाया तो हाथ नहीं दिया बैत नहीं की,
घर-बार लुटा दीआ लेकिन हाथ नहीं दिया बैत नहीं की,
मासुम बच्चे तक शहीद हो गए लेकिन हाथ नहीं दिया बैत नहीं की,
अपनी जान तक क़ुर्बान कर दी लेकिन हाथ नहीं दिया बैत नहीं की,
*अब और थोड़ा पीछे मदीना चलते हैं *
हज़रते हुसैन रदी. ३० साल के जवान हैं ६० साल के नहीं,
हज़रते हुसैन रदी. अपने वतनमें अमन से हैं सफ़र में नहीं,
हज़रते हुसैन रदी. के सीर पर वालीद साहब हज़रत अली रदी. और बड़े भाई हज़रत हसन रदी. का साया मौजूद है अकेले नहीं,
सारे मुआफीक हालात हैं मतलब कोई दबाव नहीं!!!
हज़रत अबूबक्र सीद्दीक रदी. ख़लीफ़ा बने हाथ दे दिया
बैत कर ली,
हज़रत ऊमर फारुक रदी. ख़लीफ़ा बने हाथ दे दिया बैत कर ली,
हज़रत ऊस्मान गनी रदी. ख़लीफ़ा बने हाथ दे दिया बैत कर ली,
*हुसैनीयत ये है के जहां हुसैन रदी. ने हाथ दे दिया वहां दे दो और जहां नहीं दिया वहां मत दो*
*जहां हुसैन रदी. ने हाथ दिया वहां हाथ न देना शीयत है हुसैनीयत नहीं*
अब आप बताईए आप हुसैनी है या शीआ ?
अल्लाह हम सबकी हुसैन रदी. के रास्ते से भटक कर एसे हर काम से हीफाज़त फरमाए जीस से हुसैनीयत की मुख़ालिफ़त और शीयत की ताईद होती हो,
अल्लाह रब्बुल ईज़्जत हम सबका हश्र कल कयामत के दीन जन्नत के सरदार हसनैन करीमैन के साथ फरमाए,
आमीन आमीन आमीन या रब्बुल आलमीन,
तर्जुमा व तर्तीब
ख़ादिम युसूफ सीद्दीक वापी,
२३/८/२०
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